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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 15 जुलाई, 2021 को नई दिल्ली में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-संचालित शिकायत प्रबंधन एप्लिकेशन लॉन्च किया, जिसे रक्षा मंत्रालय ने आईआईटी-कानपुर की मदद से विकसित किया है। इस मौके पर कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार; डीएआरपीजी के अतिरिक्त सचिव श्री वी श्रीनिवास, अतिरिक्त सचिव, रक्षा मंत्रालय श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर, प्रोफेसर शलभ, प्रोफेसर निशीथ श्रीवास्तव और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस वेब-आधारित एप्लिकेशन को रक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय (MoD) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है; जिसमें प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) और आईआईटी कानपुर की तरफ से प्रोफेसर शलभ, निशीथ श्रीवास्तव और पीयूष राय शामिल हैं। यह सरकार में शिकायत निवारण में सुधार के लिए विकसित किया गया पहला एआई, डेटा साइंस और मशीन लर्निंग-आधारित सिस्टम है। इस वेब-आधारित विकसित एआई टूल में सामग्री के आधार पर शिकायत की सामग्री को समझने की क्षमता है। नतीजतन, यह स्वचालित रूप से दोहराने वाली शिकायतों या स्पैम की पहचान कर सकता है। शिकायत के सन्दर्भ के आधार पर, यह विभिन्न श्रेणियों की शिकायतों को वर्गीकृत कर सकता है, भले ही ऐसी खोज के लिए सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले कीवर्ड शिकायत में मौजूद न हों। यह एक श्रेणी में शिकायतों के भौगोलिक विश्लेषण को सक्षम बनाता है जिसमें यह विश्लेषण भी शामिल है कि शिकायत को संबंधित कार्यालय द्वारा पर्याप्त रूप से संबोधित किया गया था या नहीं। आसान और उपयोगकर्ता के अनुकूल खोज प्रबंधन, आवश्यकताओं के आधार पर अपने स्वयं के प्रश्नों/श्रेणियों को तैयार करने और क्वेरी के आधार पर प्रदर्शन परिणाम प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। यह देखते हुए कि डीएआरपीजी के केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल पर लाखों शिकायतें प्राप्त होती हैं, इस एप्लिकेशन का शिकायतों की प्रकृति, भौगोलिक स्थान जहां से वे उत्पन्न होते हैं, और नीतिगत बदलावों को समझने में बहुत उपयोगी होगी, जिन्हें इन शिकायतों को दूर करने के लिए प्रणालीगत सुधार करने के लिए पेश किए जा सकता हैं। इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इस एप्लिकेशन को सुशासन का एक उत्पाद बताया, जो सरकार और शिक्षाविदों के बीच बढ़ते तालमेल को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह पहल सरकार की तरफ से एक और नागरिक केंद्रित सुधार है जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर लोगों को सशक्त बनाना है। श्री राजनाथ सिंह ने लोक शिकायत निवारण प्रणाली के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की सराहना करते हुए कहा कि लोगों की शिकायतों का समाधान करना अपने आप में एक महान सेवा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की सक्रिय भागीदारी प्रणाली को और मजबूत करेगी और लोगों की शिकायतों को पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हल करेगी। रक्षा मंत्री को बताया गया कि, यह एआई-पावर्ड एप्लिकेशन लोगों की शिकायतों को स्वचालित रूप से संभालेगा और उनका विश्लेषण करेगा और मानवीय हस्तक्षेप को कम करेगा, समय बचाएगा और उनके निपटान में अधिक पारदर्शिता लाएगा। रक्षा मंत्रालय में इस परियोजना की सफलता अन्य मंत्रालयों में इस एप्लीकेशन के विस्तार का मार्ग प्रशस्त करेगी। अगले तीन वर्षों में और अधिक सुविधाओं के साथ एप्लिकेशन में और सुधार किया जाएगा। इस एप्लिकेशन की रिलीज भारत में शासन और प्रशासन में एआई और डेटा विज्ञान-आधारित नवाचारों को पेश करने के मार्ग प्रशस्त करती है। आई आई टी कानपुर और रक्षा मंत्रालय आने वाले वर्षों में अपने सहयोग को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं, ताकि नागरिकों की शिकायतों के निवारण के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा विज्ञान के उपयोग का बेहतर लाभ उठाया जा सके। इस परियोजना के लिए के लिए 04 अगस्त, 2020 को रक्षा विभाग, रक्षा मंत्रालय (MoD), प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) और आई आई टी कानपुर के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। |
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