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विज़नसमाज के उत्थान लिए विज्ञान, अभियांत्रिकी तथा उससे संबद्ध ज्ञान का सृजन, प्रसार तथा रूपांतरण करना ।
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मिशनसंस्थान का लक्ष्य शिक्षा, अनुसंधान एवं नवप्रवर्तन के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना है । इसके लिए निम्नलिखित लक्ष्य निश्चित किये गये हैं -
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आदर्श वाक्यतमसो मा ज्योतिर्गमय अज्ञानता रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाओ
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विद्यार्थीपूर्व-स्नातक विद्यार्थी% 3938 स्नातक विद्यार्थी% 2540
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परिसरक्षेत्रफल% 1055 एकर्स भवनों की संख्या% 108 सामान्यतया भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के समस्त विद्यार्थी परिसर में रहते हैं। |
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अनुसंधानसन् 2013 में प्रकाशनों की संख्या (औसत, प्रति संकाय सदस्य)% 2.58 सन् 2013 में पंजीकृत पी-एचडी विद्यार्थियों की संख्या (औसत, प्रति संकाय सदस्य)% 3.32 सन् 2013 में अनुसंधान हेतु धनराशि (औसत, प्रति संकाय सदस्य)% Rs.1.9 लाख सन् 2013 में दर्ज पेटेंटों की संख्या (औसत, प्रति संकाय सदस्य)% 57
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संकायसंकाय सदस्यः 413 पुरुस्कृत संकाय सदस्य: हमारे संकाय सदस्यों को अभी हाल ही में अनेक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। जिनमें पद्मश्री, इन्फोसिस पुरस्कार, हमबोल्ड्ट अनुसंधान पुरस्कार, शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, TWAS पुरस्कार, राष्ट्रीय जे सी बोस फेलोशिप, फुल्करसन पुरस्कार, गोयडेल पुरस्कार, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतीय राष्ट्रीय अभियांत्रिकी अकादमी, स्वर्ण जयंती फेलोशिप सम्मलित हैं । विद्यार्थी और संकाय सदस्यों का अनुपातः 15.96 |
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भा.प्रौ.सं.कानपुर कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रमभा.प्रौ.सं.कानपुर में वर्ष 1962 से 1972 के दरम्यान कानपुर इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम की स्थापना इस आशय से की गई थी कि बाहरी दुनिया में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरन्तर होने वाले परिवर्तनों के साथ कदम-ताल बनाये रखा जा सके । इंडो-अमेरिकन कार्यक्रम के अंतर्गत भा.प्रौ.सं.कानपुर को संयुक्त राज्य अमेरिका के नौ अग्रणी संस्थान समूह से तकनीकी सहायता प्राप्त हुई। इन संस्थानों का विवरण निम्नवत हैः
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